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"ॾीहं गर्मीअ जा आया / मीरा हिंगोराणी" के अवतरणों में अंतर

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21:30, 1 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण

भलु आया गर्मीअ जा डींह,
कयूं कैद किताबनि खे,
आया मौज-मस्तीअ जा ॾींह।

कोन वणे थी चांहि काफी,
कयूं बर्फ गं/ढ़/े सां यारी,
विया लॾे कम्बल जा डींह।
आया मौज...

कयूं छोन बस्ते सां कुट्टी,
ॾियूं पढ़ाईअ खे बि छुट्टी,
आया घुमण-फिरण जा ॾींह।
आया मौज....

हलो हलूं नानीअ जे ॻोठि,
खाऊं बादाम अैं अखरोट,
आया खेॾण-खाईण जाॾीहं,
आया मौज-मस्तीअ जाॾीहं!