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"हिस्सो पत्ती / अमुल चैनलाल आहूजा 'रहिमी'" के अवतरणों में अंतर

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पाप करे पुॼा कर
लख लुटे कख तूं धर
भॻवन भी तो ते खु़श थी वेंदो
हिस्से पत्तीअ ते सभु कुझु थींदो!
पाप करे पुॼा कर
लख लुटे कख तूं धर!