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रामपुर की एक
भादों भरी दोपहर में
जब पेड़ भी गर्मी से
बिलबिला रहे थे
कुछ बच्चों को दे रहे थे छाँव
जलती हुई धरती पर
नगें पांव
ऐडी व अंगूठे के बल
चलता हुआ
भाई आता है घर
चुन्नी संभालती बहन
पानी का गिलास थमा देती है उसे
दोनों मुस्काते हैं
एक दूसरे की आँखों में
बस सिर पर हाथ धर देता है भाई।