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"पखीअड़ा / लीला मामताणी" के अवतरणों में अंतर

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परदेसी पखीअड़ा कर न एॾो अभिमान
ॾींहंनि ॿिनि जो महिमानु परदेसी

1.
कुटंब क़बीलो झूठी यारी
मतलब जी अथई दुनिया सारी
छो थो बणीं नादान
परदेसी पखीअड़ा...

2.
सभु कंहिं सां करनिवड़त नियाज़ी
तॾहिं तूं खटंदें दुनिया मां बाज़ी
तुंहिंजो मालिकु रखंदो मान
परदेसी पखीअड़ा...

3.
बंदा रख तूं मन में सचाई
सतगुरु थींदो हर हंधि सहाई
‘निमाणी’ करन कोई अरमानु
परदेसी पखीअड़ा...