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"पंजड़ो छहों / लीला मामताणी" के अवतरणों में अंतर

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1.
गोला तुंहिंजे गाट जा - था तोखां पुरस पिननि
सुवाली ख़ाली ना ॾिसूं - सभु वठियो ॾाण वञनि
अंधिड़नि खं अखियूं ॾेई - था लंगिड़ा बि टिलनि
बुखियनि भोॼनु तूं ॾीं - था उञिया तो दरि अचनि
कुंवारा मङाईं लाल - था परिणबा पुट वठनि
उघाड़ा ढकिजनि था दूलह तो दरगाह मां॥

2.
दूलह तो दरगाह मां केई कोट वरसिजी विया
दरदी, क़र्ज़ी, मर्ज़ी अची पासे तुंुहिंजे पिया
ॾिठमि थोरी मुदत में, से ॾाण वठी घरि विया
पीर पैग़म्बर औलिया, अची तॾिड़े तुंहिंजे पिया
ॾिसी रंग नेण ठरिया, महिर मजांइ मिस्कीन ते॥

3.
महिर कजांइ मिस्कीन ते, मां त निधर निमाणी
दर तुंहिंजे ते दादला, मां त असुल विकाणी
चाऊंठि चुमां चाह मां, पीआं प्रीति संदो पाणी
दूलह तुंहिंजे दर ते मां त आयसि कूमाणी
हाणे लालणु ई साणी, न ॾिसिजाइ एब अॿोझ जा॥