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"खतम करो अब खेला / रमेश तैलंग" के अवतरणों में अंतर

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17:36, 15 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण

गोधूली की बेला!
मुन्ना, खतम करो अब खेला।

इधर-उधर न भागो,
अब मम्मी का कहना मानो।
बस्ती है ये दूर शहर से
चिंता मेरी जानो।
शाम पड़े न कोई बच्चा
घूमे यहाँ अकेला।
मुन्ना, खतम करो अब खेला।

छोटा है तू अभी जरा कुछ
और बड़ा हो जा रे।
अरे, अरे, घर से अब इतनी
दूर नहीं तू जा रे।
कहाँ-कहाँ ढूँढूँगी तुझको,
शहर बड़ा अलबेला।
मुन्ना, खतम करो अब खेला।