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"पापा की तनख्वाह में / रमेश तैलंग" के अवतरणों में अंतर

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17:39, 15 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण

पापा की तनख्वाह में
घर भर के सपने।

चिंटू का बस्ता,
मिंटी की गुड़िया।
अम्माँ की साड़ी,
दादी की पुड़िया।
लाएँगे, लाएँगे
पापाजी अपने।

पिछला महीना तो
मुश्किल से काटा।
आधी कमाइ्र में
सब्जी और आटा।
अगले में घाटे
पड़ेंगे ये भरने।