"घर में मचा कोहराम / प्रकाश मनु" के अवतरणों में अंतर
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रकाश मनु |अनुवादक= |संग्रह=बच्च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
15:38, 16 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण
घर में मचा हुआ कोहराम,
ऐसा लगता जैसे घर में
आया है तूफान!
रिमोट उठाया था छुटकी ने,
इस पर गुस्से में बड़की ने
फाड़ीं उसकी सभी किताबें,
फेंक दिया सामान!
घर में मचा हुआ कोहराम!
इसका रोना, उसका रोना
जैसे टीवी एक खिलौना
लेकिन यह तो भला न लगता
बात-बात में धीरज खोना।
बोलो बड़की, क्यों गुस्से में
खींचे इसके कान?
घर में मचा हुआ कोहराम!
टीवी, टीवी, टीवी, टीवी
बड़ा दुष्ट जादूगर टीवी,
इससे उसको लड़ा रहा है
उससे इसको भिड़ा रहा है।
फिर भी सब इसके दीवाने
सबसे ज्यादा, सबसे बढ़कर
है इसकी ही शान!
घर में मचा हुआ कोहराम!
पता नहीं, रेडियो कहाँ है
और कहाँ है ट्रांजिस्टर,
जिसको देखो, देख रहा है
टीवी को ही बिटर-बिटर।
टीवी सबको खींच बुलाए
लाकर अपने पास बिठाए,
मगर देखना हम क्या चाहें
कभी न रखना ध्यान!
घर में मचा हुआ कोहराम!