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"बात सुहानी फूलों की / प्रकाश मनु" के अवतरणों में अंतर
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सुनो कहानी फूलों की,
बात सुहानी फूलों की।
अब भी ताजादम लगती,
कथा पुरानी फूलों की।
हर डाली पर कविता है,
जानी-मानी फूलों की।
तितली यों इठलाई है,
ज्यों हो रानी फूलों की।
मन में मिसरी घोल रही,
मीठी बानी फूलों की।
वन-उपवन में लिखी हुई,
अमिट कहानी फूलों की।
फैल रही है गली-गली,
खुशबू दानी फूलों की।
जीवन महक गया जब से,
महिमा जानी फूलों की।