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"बात सुहानी फूलों की / प्रकाश मनु" के अवतरणों में अंतर

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15:40, 16 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण

सुनो कहानी फूलों की,
बात सुहानी फूलों की।

अब भी ताजादम लगती,
कथा पुरानी फूलों की।

हर डाली पर कविता है,
जानी-मानी फूलों की।

तितली यों इठलाई है,
ज्यों हो रानी फूलों की।

मन में मिसरी घोल रही,
मीठी बानी फूलों की।

वन-उपवन में लिखी हुई,
अमिट कहानी फूलों की।

फैल रही है गली-गली,
खुशबू दानी फूलों की।

जीवन महक गया जब से,
महिमा जानी फूलों की।