भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मीनू दीदी प्यानो पर / प्रकाश मनु" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रकाश मनु |अनुवादक= |संग्रह=बच्च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

16:27, 16 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण

अगर परी मुझको मिल जाए,
उससे ढेरों बातें कर लूँ।
मेरे संग वह मेला घूमे
मेरे संग-संग ही घर आए,
मम्मी के हाथों की बढ़िया
खाकर खीर जरा मुसकाए।
मीनू दीदी के प्यानो पर
तान उठाए, गाना गाए,
झूमो रे, झूमो रे सारे,
कह करके वह डांस दिखाए।

मरे संग वह सर्कस जाए
झूले पर चढ़, खेल दिखाए,
उड़नखटोले पर बैठाकर
चंदा मामा तक ले जाए।
अगर परी मुझको मिल जाए
तो मैं उससे उड़ना सीखूँ,

हाथ मिलाऊँ तारों से मैं,
इंद्रधनुष पर चढ़ना सीखूँ।
सारी दुनिया मेरे संग-संग
खुशबू वाला गीत सुनाए,
लारा लप्पा, लारा लप्पा
लारा लप्पा हँसकर गाए।
अगर परी मुझको मिल जाए!