भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पीले अखबार / शिवबहादुर सिंह भदौरिया" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवबहादुर सिंह भदौरिया |अनुवादक=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

12:52, 17 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण

स्याह रात का
जो कुछ अज्ञात है
उससे बनाकर-
ताजे समाचार,
दरवाजा खुलते ही
सबेरा
फेंक जाता है-
पीले अखबार।