भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आ मिल यार / बुल्ले शाह" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बुल्ले शाह |अनुवादक= |संग्रह=बुल्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

10:47, 6 मार्च 2017 के समय का अवतरण

आर मिल यार सार लै मेरी,
मेरी जान दुःखाँ ने घेरी।
अन्दर ख्वाब विछोड़ा होया,
खबर ना पैंदी तेरी।
आर मिल यार सार लै मेरी।

सुं´े बन विच्च लुट्टी साइआँ,
सूर पंगल<ref>बाघ</ref> ने घेरी।
आर मिल यार सार लै मेरी।

मुल्लाँ जज़ी सानूँ राह बतावण,
देण भरम दे फेरी।
एह ताँ ठग्ग जगत दे,
जिह लावण जाल चुफेरी।
आर मिल यार सार लै मेरी।

करम शरा दे धरम बतावण,
संगल पावण पैंरी।
ज़ात मज़हब एह इशक ना पुच्छदा,
इशक शरा दा वैरी।
नदिओं पार मुल्क सज्जण दा,
लहवो<ref>खेल-कूद</ref> लअब<ref>नेकी से दूर</ref> ने घेरी।
आर मिल यार सार लै मेरी।

सतगुर बेड़ी फड़ी खलोती,
तैं क्यों लाई आ देरी?
बुल्ले शाह सहु तैनूँ मिलसी,
दिल नूँ देह दलेरी।
आ मिल यार सार लै मेरी।

प्रीतम पास ते टोलणा किसनूँ,
भुल्ल ग्यों सिखर दुपहरी।
आ मिल यार सार लै मेरी।
मेरी जान दुःखाँ ने घेरी।

शब्दार्थ
<references/>