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"रौनक है / विष्णुचन्द्र शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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11:15, 17 मार्च 2017 के समय का अवतरण

भूरे, उजले, काले, झबरीले कुत्तों से बना है पारी का घर!
रौनक है सड़क की ये।
अपनी जिंदगी की तरह वह उनके बहाने
खुद को बाहर लाती हैं
चैन थामे पारी की गृहणियाँ
शायद खुद से उसके बहाने बतियाती हैं
आजादी पर
आजादी पर
या प्यार पर।