भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"शायद / विष्णुचन्द्र शर्मा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विष्णुचन्द्र शर्मा |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
11:23, 17 मार्च 2017 के समय का अवतरण
रोशनी का एक गुच्छा
चमक रहा है
शायद औरत
रोटी पो रही है
शायद रोते बच्चे को
चाँद की नाँव पर
सैर करा रही है!