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"मारे जाएँगे / राजेश जोशी" के अवतरणों में अंतर

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13:04, 21 मार्च 2017 के समय का अवतरण

जो इस पागलपन में शामिल नहीं होंगे, मारे जाएँगे

कठघरे में खड़े कर दिये जाएँगे
जो विरोध में बोलेंगे
जो सच-सच बोलेंगे, मारे जाएँगे

बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा कि किसी की कमीज हो
उनकी कमीज से ज्‍यादा सफ़ेद
कमीज पर जिनके दाग नहीं होंगे, मारे जाएँगे

धकेल दिये जाएंगे कला की दुनिया से बाहर
जो चारण नहीं होंगे
जो गुण नहीं गाएंगे, मारे जाएँगे

धर्म की ध्‍वजा उठाने जो नहीं जाएँगे जुलूस में
गोलियां भून डालेंगी उन्हें, काफिर करार दिये जाएँगे

सबसे बड़ा अपराध है इस समय निहत्थे और निरपराधी होना
जो अपराधी नहीं होंगे, मारे जाएँगे