भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"74 / हीर / वारिस शाह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
10:30, 31 मार्च 2017 के समय का अवतरण
किहें डोगरां जटां दे नयाऊं जाणे परहे विच दलावर लाइयां दे
पाड़ चीर के जानदा किवें देसो लड़या कासनूं नाल एह भाइयां दे
किस गल तों उठ के रूठ आया की कर बोलया नाल भरजाइयां दे
वारस शाह ना इस तों नफा दिसदा किवें छड आया माल गाइयां दे
शब्दार्थ
<references/>