भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"85 / हीर / वारिस शाह" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

10:34, 31 मार्च 2017 के समय का अवतरण

मिली राह विच दौड़के जा नढी पहले नाल फरेब दे चटया सू
नेड़े आणके शीहनी दे वांग गज्जी अखीं रोह दा नीर पलटया सू
सिरों लाह टोपी गलों तोड़ सेहला लकों चाइके जिमीं ते सटया सू
पकड़ जिमीं ते मारिया नाल गुसे धोबी पटड़े ते खेस छटया सू
वारस शाह फरिशतियां अरश<ref>आकाश</ref> उतों शैतान नूं जिमीं ते सटया सू

शब्दार्थ
<references/>