भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"120 / हीर / वारिस शाह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
11:04, 31 मार्च 2017 के समय का अवतरण
रांझे पीरां नूं बहुत खुशहाल कीता दुआ दितियां ने जाह हीर तेरी
तेरे सब मकसूद<ref>मनोरथ</ref> हो गए हासल मदद हो गए पंजे पीर तेरी
जाह गूंज तूं विच मगवाड़<ref>चरांद</ref> बैठा बखशी गई है सब तकसीर<ref>कुसूर</ref> तेरी
वारस शाह मियां पीरां कामलां<ref>पहुँचे हुए पीर</ref> ने कर छडी है नेक तकदीर तेरी
शब्दार्थ
<references/>