भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"199 / हीर / वारिस शाह" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

11:37, 31 मार्च 2017 के समय का अवतरण

हीरे रूप दा कुझ वसाह नाहीं मान मतीए मुशक पलटिए नी
नबी हुकम निकाह फरमा दिता रद फअनकहू मन लै जटिए नी
कदी दीन असलाम दे राह टुरिए जड़ कुफर दी तिले तों पटिए नी
जेहड़े छड हलाल हराम तकन विच हाविए दोजखी सटिए नी
खेड़ा हक हलाल कबूल कर तूं वारस शाह बन बैठिए वहुटिए नी

शब्दार्थ
<references/>