भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"296 / हीर / वारिस शाह" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:44, 3 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण

लैन जोगी नूं आइयां धुन्बला<ref>टोली</ref> हो चलो गल बना सवारीए नी
सभे बोलियां जो नमसकार जोगी क्यों नी साईं सवारीये पयारीए नी
वडी मेहर होई एस देस उते वेहड़े हीर दे नूं चलो तारीए नी
मंग नगर अतीत है अजे खाना बातां शोक दीयां चा वसारीए नी
वारस शाह तुसीं घरों खा आइयां नाल चावड़ा<ref>छेड़खानी</ref> लौ घुमकारीए नी

शब्दार्थ
<references/>