भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"328 / हीर / वारिस शाह" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:57, 3 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण

नैना हीर दियां वेख के आह भरदा वांग आशकां अखियां मीटदा ए
जिवें खसम कुपतड़ा रन्न गुंडी कीता गल नूं पया घसीटदा ए
रन्नां गुंडियां वांग फरफेज<ref>छल-कपट</ref> करदा तारन हारड़ा लगड़ी परीत दा ए
घत घगरी बहे एह वढा ठेठर<ref>गंवार</ref> उसतादड़ा किसे मसीत दा ए
चूंडियां वखियां विच एह वढ लैंदा पिछों आपणी वार एह चीकदा ए
इके खैर हथा नहीं एह रावल इके चेलड़ा किसे पलीत दा ए
ना एह जिन्न ना भूत न रिछ बांदर ना एह मुनया किसे अतीत दा ए
वारस शाह परेम दी ज़ील<ref>जाल</ref> न्यारी न्यारा अंतरा इशक दे गीत दा ए

शब्दार्थ
<references/>