भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"397 / हीर / वारिस शाह" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

13:54, 5 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण

खुआर खजलां रूलदियां फिरदिां सी अखीं वेखदयां होर दियां होर होइयां
आप दुध दियां धोतियां नेकबख्तां अगे चोर दे असी नी चोर होइयां
चोर चैधरी गुंडी परधान कीती ए उलट अवलायां जोर होइयां
बद-जेब<ref>भोंडा, कुरूप</ref> तों कोझियां भैड़ मूंहियां अगे हुसन दे बागदियां मोर होइयां
एह चुगल बलोचां दी टुंब डिठी मिा दोज घूठी मनखोर<ref>मनमर्ज़ी</ref> होइयां
एहदी बनत देखो नाल नखरयां दे मालजादियां<ref>कंजरिआं</ref> विच लहौर होइयां

शब्दार्थ
<references/>