भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"406 / हीर / वारिस शाह" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

13:57, 5 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण

जोगी गजब दे सिरे ते सट खपर पकड़ उठया मारके छोड़या ई
लै के फाबड़ी घुलन तयार होया मार वेहड़े दे विच अपौड़िया ई
साड़ बालके जिऊ मूंखाक कीता नाल कावड़ां<ref>गुस्सा</ref> दे जट कौड़िया ई
जेहा महर दे हथ दा बान-भुचर<ref>मोटा-पला हुआ कुत्ता</ref> वारस शाह फकीर ते दौड़िया ई

शब्दार्थ
<references/>