भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"569 / हीर / वारिस शाह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
15:47, 5 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण
बर वकत<ref>सही समय पर</ref> जे फजल<ref>कृपा</ref> दा मींह वसे बरा कौन मनावदा रूठयां नूं
लब यार दे आबहयात बाझों कौन जिंदगी बखशदा कठयां नूं
लब यार दे आबहयात बाझों कौन जिंदगी बखशदा कठयां नूं
दोवे राह फिराक दे मार लए करामात मनांवदी रूठयां नूं
आह सबर दी मार के शहर साडो बादशाह जाणे असां मुठयां नूं
बाझ सेजणां पीड़ वंडावयां दे नित कौण मनांवदा रूठयां नूं
बिनां तालयां<ref>किस्मत</ref> नेक दे कौन मोड़े वारस शाह दे नाल आ फुटयां नूं
शब्दार्थ
<references/>