भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"584 / हीर / वारिस शाह" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

15:51, 5 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण

खरल हांस मलकां मशहूर मुलकां जिथे शे’र कीता यारां वासते मैं
परख शे’र दी आप कर लैन शायर घोड़ा फेरया विच निखास दे मैं
पढ़न गभरू देस विच खुशी होके फुल बीजिया बास दे वासते मैं
वारस शाह ने अमल दी रास मैथे करां मान नमानड़ा कास ते मैं

शब्दार्थ
<references/>