भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"हमरो पिया छै बेईमान सुनगे ननदी / खुशीलाल मंजर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=खुशीलाल मंजर |अनुवादक= |संग्रह=पछ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:20, 5 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण

हमरो पिया छै बेईमान सुनगे ननदी
बड़ी अरमानऽ सें हुनका पूजलियै
हृदय मंदीरऽ केरऽ देवता बनैलियै
तहियो नै घामै मोर भगवान सुनगे ननदी
हमरऽ पिया छै बेईमान सुनगे ननदी

नै जानौं भागऽ में की लिखलेॅ विधाता
फुटलै करम जे हमरऽ टूटी गेलै नाता
दरदऽ सें भरलऽ मोर संसार सुनगे ननदी
हमरऽ पिया छै बेईमान सुनगे ननदी

काटै लेॅ दौड़ै जेनां चानऽ के इंजोरिया
मरी मरी जियौ हम्में रातऽ के अन्हरिया
दिनकऽ कहानी मोर सुनसान सुनगे ननदी
हमरो पिया छै बेईमान सुनगे ननदी

जिनगी उधार जेनां मौतऽ के समान गे
दुविधा में फसलऽ खुशी करै छै बिचार गे
कस्टऽ में बीतै मोर परान सुनगे ननदी
हमरो पिया छै बेईमान, सुनगे ननदी