भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"नशा गीत / राजकुमार" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजकुमार |अनुवादक= |संग्रह=टेसू क...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:52, 5 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण

सँवरिया हो, तनिटा हम्हर्हो निहारोॅ
सजनिया हे, अब नै बातोॅ सें मारोॅ

रात केॅ अन्हरिया में, लुटी केॅ बजरिया में
बुत्त होय केॅ आबै छौ, टगलोॅ भोरहरिया में

इज्जत-पानी सबटा, मटिहें मिलै छौं,
सँवरिया हो, तनिटा सोचोॅ-विचारोॅ
सँवरिया हो, तनिटा हम्हर्हौ निहारोॅ
सजनियाँ हे...

सड़लोॅ बेमारी सें, डुबी गेलै जोगिया
कुढ़नोॅ में मरी गेलै, जोगिया के मौगिया

अभियो उबरलै नै, ढनकै छै बुतरू,
सँवरिया हो, बात मानोॅ नै टारोॅ
सँवरिया हो, तनिटा हम्हर्हौ निहारोॅ
सजनियाँ हे...

गलती तेॅ भेलै धानी, हमरा सें भारी
बात तोरोॅ नैं मानी, बनलाँ भिखारी

अबकी भर माँफ करी, हमरा उबारोॅ
सजनियाँ हे, हय लेॅ कुंजी सम्हारोॅ
सजनियाँ हे, अब नैं बातोॅ सें मारो
सँवरिया हो, तनिटा हम्हर्हौ निहारोॅ
सजनियाँ हे...