भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"तीसरी कहानी / कुमार कृष्ण" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कुमार कृष्ण |अनुवादक= |संग्रह=गाँ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

14:46, 22 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण

गाय-बैल की कहानी के अतिरिक्त
कोई तीसरी कहानी नहीं है तुम्हारे पास
हाँ है बेटी!
तीसरी कहानी आदमी की कहानी है
बड़ी भयानक है वह
डर जाओगी तुम उसे सुनकर
पत्थर घिसने की गन्ध आ रही है
उठो चक्की के मुँह में दाने भर दो
इससे पहले कि खत्म हो जाए लालटेन का घासलेट
तुम चूल्हे पर चढ़ा दो तवा
और तेज कर दो लकड़ी की आँच।