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"कैसे / दुःख पतंग / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर

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14:44, 12 मई 2017 के समय का अवतरण

जिनके कान
बड़े हैं हाथी के कान से भी
जुबान
सड़क से भी लम्बी
क्यों नहीं होते
दंगों के शिकार
जब होते हैं शिकार
अबोध बच्चे
कुचली जाती है उनकी
उजली हँसी
क्यों महफूज रहते हैं
उनके कहकहे ठहाके
होते हैं जिनके हाथी से भी बड़े कान
सड़क से भी लम्बी जुबान।