भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मुसी हुई तस्वीर / दिनेश जुगरान" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिनेश जुगरान |अनुवादक= |संग्रह=इन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
16:14, 12 मई 2017 के समय का अवतरण
उसकी तलाशी में मिले
एक जेब में चाकू ओर सफ़ेद रंग का चॉक
दूसरी जेब में थे कुछ कंकड़
पीछे की जेब में थी उसके बचपन की मुसी हुई तस्वीर
वह पकड़ा जा चुका था
प्रश्नों के उत्तर अब उसे देने ही थे
चाकू था
आगे वाले की पीठ पर भोकने के लिए
और चॉक
उसके माथे पर लिखने के लिए
कि वह पहले से ही मरा हुआ था
कंकड़ बचे रह गए थे
बचपन के किसी खेल के जिन्हें
हवाओं में उछालता था वह
और मुसी हुई तस्वीर
इस बात की सबूत थी कि उसने
लगातार जीने की बहुत कोशिश की है