भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आँसु / श्रवण मुकारुङ" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्रवण मुकारुङ |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=श्रवण मुकारुङ | |रचनाकार=श्रवण मुकारुङ | ||
− | |अनुवादक= | + | |अनुवादक= |
|संग्रह= | |संग्रह= | ||
− | }} | + | }} |
+ | {{KKCatKavita}} | ||
{{KKCatNepaliRachna}} | {{KKCatNepaliRachna}} | ||
<poem> | <poem> | ||
+ | |||
आँसु नआउँदै- | आँसु नआउँदै- | ||
तस्बिर आउँछ | तस्बिर आउँछ |
09:22, 16 मई 2017 के समय का अवतरण
आँसु नआउँदै-
तस्बिर आउँछ
आँसु पलाउँदा-
सम्झना झाँगिन्छ/क्षितिज धमिलिन्छ
आँसु झर्दा-
आँखामा खस्छ/बालक चल्मलाउँछ
आँसु पुछ्दा-
चुरा बज्छ/आँखामै खरानी पस्छ
आँसु सुक्दा-
उज्यालो हुन्छ/दैलो उघ्रिन्छ
यसरी आँसु बाहिरियो भने त ठीकै छ
भित्रै रहिरह्यो भने के-के हुन्छ/के-के हुन्छ
आँसु सम्हाले त मन हुन्छ
नसके रुमाल हुन्छ
भन ए परदेशी!
तिमीले पसिना पुछ्ने रुमाल
सपनामा फूल हुन्छ?