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"हिंसा परसाद / जीत नराइन" के अवतरणों में अंतर

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14:42, 24 मई 2017 के समय का अवतरण

अब जब घटका लगल, तब
खियाल बढ़ल कि मरे से पहिले
एसे भेंट कर लेई, ओसे बोलचाल

अपन लत्ति अपने कटलिस से कट गैल
अपन सोड़ में जोर ना, पत्तन
कुम्हाला गैलें

बादर गरजे मोत के अखाड़ा में, तु अकेल कुस्तिबाज
तौन पे खेल हारल है
मुरदा बोले मुस्कियाए

बादल ढल गैल, बरखा ना आइल प्यास तेजान, प्यार ललान
लहास गिरल जिभ झूरे रैह गैल
जा रे जीवन, जा-रे-जा।