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"परिवार / देवानंद शिवराज" के अवतरणों में अंतर

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हे मानव द्वेष आदि छोड़ो
विद्या धन की इच्छा रखो
सत्य धर्म से मन जोड़ो
स्वर्ग की राह प्रकाश करो
ईश्वर की प्रार्थना में
पग न पीछे धरो
पूर्वजों के मार्ग चल
है यह जीवन सार
हिन्दी पढ़ो-पढ़ाओ
बने विश्व सारा परिवार।