भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"हमारी प्रतिज्ञा / धीरज कंधई" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धीरज कंधई |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatSurina...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
15:18, 26 मई 2017 के समय का अवतरण
जननी की जय-जय गाएँगे
हम सेवा करते जाएँगे
सुख की हमको चाह नहीं
दुख की हमको परवाह नहीं
तन-मन-धन-प्राण चढ़ाएँगे
चाहे पड़ती हो धूप कड़ी
चाहे वर्षा की लगे झड़ी
पीछे पग नहीं हटाएँगे
हम सेवा करते जाएँगे
दीनो का दुख हरेंगे हम
माता के लिए मरेंगे हम
हम अपनी टेक निभाएँगे
हम सेवा करते जाएँगे