भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आवागमन / मुंशी रहमान खान" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुंशी रहमान खान |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

15:30, 26 मई 2017 के समय का अवतरण

जग में आवागमन है कोई आवै कोई जाय।
विविध भाँति तन पावहीं करनी का फल पाय।।
करनी का फल पाय जीव कहिं चैन न पावै।
ईश करैं वहं न्याय पाप तोहि धर पकराबै।।
कहैं रहमान मुक्ति तुम चाहहु जाय गिरहु प्रभु पग में।
कटैं कोटि बाधा अमित फिर नहिं आवहु जग में।।