भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"माँ / राज मोहन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राज मोहन |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatSurinamiR...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
15:41, 26 मई 2017 के समय का अवतरण
लाओ माँ
तोर पुराना दुख
पूजा के बसी फूल में
बान्ह के
समुन्दर की छाती में
सेखा दी
देखी तो उ भी
इतना दिन
सह पावे है।