भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"हवा हाँफे है / राज रामदास" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राज रामदास |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatSur...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

15:45, 26 मई 2017 के समय का अवतरण

हवा हाँफे है
खिड़की के आईना पे

बाहर
बरखा
बरसात से भीजल रास्ता पे
ओटो के बानती के सरसराहट
मद्धिम सुना है

दिखा है
हॉलैंड के एगो होल में से
जहाँ हम रहीला
खाँग के चिराग जलगे
फुरसाल में
काछल के होल्का
वीडियो के आहट-चाहट
और लड़कन के चिलबिल
मूढ़ी पे चढ़े हा

मन
खाली है
खाली।