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"चोरी-चोरी-चोरी / रामदेव महाबीर" के अवतरणों में अंतर

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बैठे राष्ट्रपति की कुरसी पर
वो भी करता है चोरी
पार्लियामेंट के नेता बोलत
बातन पर है चोरी
हस्ताक्षर करता डैरक्टर
जो न करनी है चोरी
जो अगल-बगल बैठ के
देखे आँख मीच कर
वो भी है चोरी
आहार में चोरी
व्यववहार में चोरी
विचार में चोरी
आचार में चोरी
चोरी-चोरी-चोरी, देव॥