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"सम-असम / सुशीला बलदेव मल्हू" के अवतरणों में अंतर

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18:14, 26 मई 2017 के समय का अवतरण

किसी को ज्यादा, किसी को कम
यह भगवान का काम नहीं,
वह देता है सबको सम।
बूँद-बूँद जब बारिश होती
हर पौधे को समान भिगोती।
सुबह-सुबह जब सूरज की किरणें,
सुरभि तम दूर भगाते हैं,
स्वर्णिम धन बरसाते हैं,
जीवित-हरित को एक समान
अपनी किरण पहुँचाते हैं।

एक-एक स्वाँस में प्राण समान
सब को देता है भगवान
एक समान प्रेम सभी को
एक समान सब को वरदान
सम से बना सारा संसार
सम रहता है भगवान।

रूप-अरूप धन-धान्य व मेधा
जब असम भाव से मिलता है।
अपने ही कर्मों का फल
हर प्राणी उगाहता है।
दोष नहीं परमेश्वर का,
किसी का ज्यादा किसी का कम
भगवान नहीं, करते हैं हम।