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"आशीष / हरिदेव सहतू" के अवतरणों में अंतर

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18:22, 26 मई 2017 के समय का अवतरण

घड़ी की
चलती सुई पर
ध्यान दो
धड़कन सुनो

मन के गर में लगा जाल
मान
नाम
अहंकार का
साफ कर डाल
कहता सहतू
उपकार हेतु
झुका लेना शीश
बरसेगा आशीष।