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"चुप / भास्कर चौधुरी" के अवतरणों में अंतर
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पिता के पिता ने कहा
पिता से
चोप्प
दुबक गए पिता
किताबों की अलमारी के पीछे
पिता ने मुझसे कहा
चुप
मैंने दरवाजा खोला
बाहर निकल गया घर से
और बाहर ही रहा
खाने के वक्त तक
घूमता रहा इधर-उधर
बेमतलब
मैंने बेटी से कहा
चुप्प
उसने पलट कर जवाब दिया!!