भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"चुप / भास्कर चौधुरी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भास्कर चौधुरी |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

11:47, 31 मई 2017 के समय का अवतरण

पिता के पिता ने कहा
पिता से
चोप्प
दुबक गए पिता
किताबों की अलमारी के पीछे

पिता ने मुझसे कहा
चुप
मैंने दरवाजा खोला
बाहर निकल गया घर से
और बाहर ही रहा
खाने के वक्त तक
घूमता रहा इधर-उधर
बेमतलब

मैंने बेटी से कहा
चुप्प
उसने पलट कर जवाब दिया!!