भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ल्युकेमिया / भास्कर चौधुरी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भास्कर चौधुरी |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
11:57, 31 मई 2017 के समय का अवतरण
वह बच्चा मौत से लड़ रहा है
उसे ल्युकेमिया है
अस्पताल की सफेद चादर वाली बिस्तर पर
अपनी माँ से गले लिपट कर लेटा हुआ है
‘हमें कभी हार नहीं मानना चाहिए’–
कहती है बच्चे की माँ
अपने आँसुओं को छुपाती...
अस्पताल के बाहर लम्बी कतार हे
ख़ून जाँच करवाने वालों की
मानों उमड़ पड़ा हैआधा शहर
इस वक्त सबसे ज़रूरी है
बच्चे का जीवन...
उधर एक देश मर रहा है
उड़ी हुई है अस्पताल की छत
टूटी खिड़कियाँ टूटे दरवाजे
वहाँ मौत का सा सन्नाटा
पसरा पड़ा है!