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"सैर री माया / विनोद कुमार यादव" के अवतरणों में अंतर

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|रचनाकार=पवन शर्मा
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|रचनाकार=विनोद कुमार यादव
 
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|संग्रह=थार-सप्तक-1 / ओम पुरोहित ‘कागद’

17:34, 9 जून 2017 के समय का अवतरण

गांव अब
नीं रैयो गांव
वार्ड बणग्यो
नगर परिषद रो
जिण में
धिकै नीं
भोळा मिनख
बिकै प्लाट
मिलै रोटी
मनै ठाट

खेतां नै जीमग्या
कळ-करखाना
जठै नीं चालै हळ
पण जरूर लागै फळ
अब मूंछ नीं
मांदा डील में
बधै बोट बळ।

जिण खनै
घणा बोट
उण ने
परमेसर री ओट
कोई भी
बण सकै परमेसर
नेतागीरी री
चढ्यां घोट।

गाँव तो गाँव है
निरी बावळ
भूख रो घर
आवळ-कावळ
सैर री माया
सिरे सूं सावळ।