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"सम्बन्धों की यात्रा में / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर

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सम्बन्धों की यात्रा में
मैं अपरिचित
सहयात्री रही तुम्हारी
तुम्हीं से तुम्हें
चाहती हुई- सी
या माँगती हुई–सी
स्वयं को तुमसे।