भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"स्त्री बनाती है / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना जायसवाल |अनुवादक= |संग्रह=ज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

18:12, 28 जून 2017 के समय का अवतरण

धीरे-धीरे बनाती है
प्रेम तपस्या समर्पण से
घर
एक स्त्री
और पुरूष
एक पल में ही
बदल देता है
घर को मकान में।