भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"लक्ष्मण रेखाएँ / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना जायसवाल |अनुवादक= |संग्रह=ज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
18:14, 28 जून 2017 के समय का अवतरण
बदलते ही
स्त्री का चेहरा
खिंचने लगती हैं
समाज के
चेहरे पर लक्ष्मण रेखाएँ।