भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"चिड़िया / योगेन्द्र दत्त शर्मा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=योगेन्द्र दत्त शर्मा |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:07, 29 जून 2017 के समय का अवतरण

बैठ आँगन में
मेरे सामने
गाती चिड़िया,
पूरी दुनिया की
खबर मुझको
सुनाती चिड़िया!

पेड़ की डाल से
उड़ती है तो
छत पर आती,
फिर चहकती है
मुझे पास
बुलाती चिड़िया!

वो फुदकती है
लुभाती है मुझे
रह-रह कर,
मैं न आऊँ
तो मुझे खूब
रिझाती चिड़िया!

तिनके चुनती है
मगर थकती नहीं है
बिलकुल,
घोंसला शान से
चुपचाप
बनाती चिड़िया!

मैं खिलाता हूँ
उसे दाल के दाने
लेकिन,
जब पकड़ता हूँ
तो फिर हाथ
न आती चिड़िया!