भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"चाहिए / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना जायसवाल |अनुवादक= |संग्रह=ज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

10:47, 4 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

रोए वे
जिन्हें चाहिए
पूरा आसमान
पूरी धरती
हमारे लिए तो काफी है
आँखों भर का आसमान
पैरों भर की धरती