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"यही है ईश्वर / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर

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11:03, 4 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

जाड़े की सुबह
टहलकर लौटते
अक्सर दिख जाता है
पूरब दिशा से
कुहासे को चीरकर
निकलता
ऑस में भीगा
ताजा –निखारा
सुंदर
तुम्हारा चेहरा
और मुझे लगता है
यही है ईश्वर