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"पाखी जैसे / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर

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11:16, 4 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

दिन भर
नापकर आकाश
पाखी जैसे
लौट आती हूँ घर
घर...जहां
तुम हो